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देवऋषि का ध्वनि-दर्शन: भक्ति, विज्ञान और चेतना का त्रिवेणी संवाद

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 970 मिलियन लोग किसी न किसी मानसिक विकार से जूझ रहे हैं, जिनमें चिंता, अवसाद और तनावजनित विकार प्रमुख हैं। महामारी के पश्चात मानसिक स्वास्थ्य एक वैश्विक आपदा बन चुका है — और इसी संकट के उत्तर की खोज में भारतीय अध्यात्म और ध्वनि-वैज्ञानिक विधाओं की ओर वैश्विक दृष्टि पुनः लौट रही है।

इसी चिंतनधारा में, भारतीय दार्शनिक और आध्यात्मिक शोधकर्ता देवऋषि द्वारा प्रतिपादित ‘ध्वनि-दर्शन’ (Sonic Philosophy of Consciousness) एक अनूठा समाधान बनकर उभरा है – जो भक्ति, नाद और ज्ञान के माध्यम से व्यक्ति को मानसिक शांति, ऊर्जा संतुलन और आत्मचेतना की ओर ले जाता है।

विज्ञान और अध्यात्म का संगम:

देवऋषि के नेतृत्व में स्थापित Sanatan Wisdom Foundation ने इस दर्शन को संस्थागत रूप दिया है। इसके अंतर्गत कार्यरत Nada Yoga Research Institute (NYRI), भारत का पहला ऐसा शोध संस्थान है जो मंत्रों, ध्वनि-आधारित उपचारों और ध्यान विधियों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को EEG, HRV और न्यूरो-फिज़ियोलॉजी जैसे वैज्ञानिक उपकरणों से परीक्षण करता है।

AYUSH मंत्रालय द्वारा भी विगत वर्षों में यह स्वीकार किया गया है कि वैकल्पिक पद्धतियाँ जैसे योग, ध्यान, और ध्वनि चिकित्सा मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका निभा रही हैं। देवऋषि का नाद-दर्शन इसी दिशा को वैज्ञानिक प्रमाणिकता के साथ आगे बढ़ा रहा है।

भक्ति: आत्मा की अनुनाद

देवऋषि मानते हैं कि “भक्ति, केवल श्रद्धा नहीं, एक ध्वनि-आधारित चेतना अभ्यास है।” उनका प्रयास है कि भजन, कीर्तन, मंत्र-संगीत और रागात्मक स्तुति को संगीतमयी चिकित्सा के रूप में पुनःस्थापित किया जाए। उनके अनुसार, जब भाव और नाद मिलते हैं, तो भीतर का तनाव और द्वंद्व पिघलने लगता है — जिससे व्यक्ति स्वतः मानसिक शांति की ओर बढ़ता है।

ज्ञान: वैदिक चेतना का वैश्विक मंच

ध्वनि-दर्शन केवल एक भावात्मक या सांगीतिक प्रयास नहीं, बल्कि एक वैदिक ज्ञान प्रणाली है जो मनुष्य की अंतःचेतना, शरीर, और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के मध्य सम्बन्धों को स्पष्ट करती है। Sanatan Wisdom Foundation इसी दृष्टिकोण से कार्य कर रही है कि भारतीय वैदिक विज्ञान, मंत्र चिकी‍त्सा, योग, और अध्यात्म को एक वैश्विक संवाद का स्वरूप मिले।

मानसिक स्वास्थ्य का वैकल्पिक पथ

जहाँ मनोचिकित्साएँ और दवाएँ सीमाओं में बँधी हैं, वहाँ ध्वनि एक ऐसी शक्ति है जो न तो भाषा की मोहताज है और न ही संस्कृति की। देवऋषि की Sonic Philosophy यह बताती है कि —

“जब मन विकृत हो और चित्त अशांत हो, तब शब्द से संवाद नहीं, ध्वनि से समाधान होता है।”

Shakari Vikramaditya
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Devrishi

Philosopher, Author & Spiritual Researcher

Devrishi is an Indian philosopher, mystic, author and Spiritual Researcher. He is the founder of the Nada Yoga Research Council and a pioneering in the Global Nada Yoga Movement, dedicated to reviving and promoting the ancient practice of sound and mantra meditation. Devrishi is known for his contributions to Sanatan Sanskriti and Vedic culture, integrating traditional wisdom with modern scientific research.

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